Neeraj Chopra’s Weightlifting Routine for Shoulder Strength: कैसे बनाते हैं जेवलिन थ्रो के लिए मजबूत कंधे?

Introduction: कंधों की ताकत ही है जेवलिन थ्रो का राज

Neeraj Chopra, भारत के Golden Boy of Athletics, ने जेवलिन थ्रो में दुनिया को अपना लोहा मनवाया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके 90m+ थ्रो का राज सिर्फ उनकी तकनीक नहीं, बल्कि उनके कंधों और अपर बॉडी की अद्भुत ताकत है?

इस आर्टिकल में हम Neeraj Chopra’s shoulder strength workout routine को डिटेल में समझेंगे, जिसमें शामिल है:
कंधों के लिए स्पेशल वेटलिफ्टिंग एक्सरसाइज
कोर स्ट्रेंथ का रोल
इंजरी से बचने के टिप्स
Neeraj का फेवरिट शोल्डर वर्कआउट

तो चलिए, शुरू करते हैं!

1. क्यों जरूरी है Shoulder Strength जेवलिन थ्रो के लिए?

जेवलिन थ्रो में 85% पावर लोअर बॉडी (लेग्स और कोर) से आती है, लेकिन 15% फाइनल फोर्स अपर बॉडी (कंधे, बाजू, पीठ) से जेनरेट होता है । अगर कंधे कमजोर हों, तो:

  • जेवलिन का एंगल कंट्रोल नहीं होगा
  • स्पीड और डिस्टेंस कम होगी
  • इंजरी (Rotator Cuff Tear) का खतरा बढ़ेगा

Neeraj के कोच Dr. Klaus Bartonietz के मुताबिक, “जेवलिन थ्रो में कंधे एक बॉटलनेक की तरह हैं। अगर यहाँ पावर ट्रांसफर रुक जाए, तो पूरी एनर्जी वेस्ट हो जाती है।”

2. Neeraj Chopra’s Shoulder Workout Routine (2025)

Neeraj की शोल्डर स्ट्रेंथ रूटीन 3 फेज में बंटी हुई है:

A. ऑफ-सीजन (Heavy Strength Training)

इस दौरान Neeraj मैक्सिमम स्ट्रेंथ बनाने पर फोकस करते हैं:

  • ओवरहेड प्रेस (100kg+) – शोल्डर मसल्स को एक्टिवेट करता है
  • सीटेड केबल रो (90kg+) – पीठ और कंधों को स्टेबल करता है
  • बैटल रोप्स – स्टेमिना और शोल्डर एंड्योरेंस बढ़ाता है

B. प्री-कॉम्पिटिशन (Explosive Power Training)

कॉम्पिटिशन से 2 महीने पहले Neeraj पावर ट्रेनिंग शुरू करते हैं:

  • मेडिसिन बॉल थ्रो (10kg) – जेवलिन थ्रो जैसी मूवमेंट प्रैक्टिस
  • टायर फ्लिप (200kg+) – फुल-बॉडी पावर डेवलप करता है
  • प्लायोमेट्रिक पुश-अप्स – शोल्डर की एक्सप्लोसिवनेस बढ़ाता है

C. कॉम्पिटिशन सीजन (Maintenance Mode)

टूर्नामेंट के दौरान Neeraj लाइट वेट + हाई रेप्स पर स्विच करते हैं:

  • डम्बल शोल्डर प्रेस (40kg x 15 reps)
  • फेस पुल्स (केबल मशीन पर) – रोटेटर कफ को स्ट्रॉन्ग बनाता है
  • बैंडेड एक्सटर्नल रोटेशन – इंजरी प्रिवेंशन के लिए

3. कोर स्ट्रेंथ का रोल: कंधे अकेले काम नहीं करते!

Neeraj के अनुसार, “अगर कोर कमजोर है, तो कंधों पर ज्यादा प्रेशर पड़ेगा और परफॉरमेंस कम होगा।” इसलिए उनकी रूटीन में ये एक्सरसाइज भी शामिल हैं:

  • हैंगिंग लेग रेज (मेडिसिन बॉल के साथ) – कोर + शोल्डर स्टेबिलिटी
  • सिंगल-आर्म फार्मर वॉक (50kg डम्बल) – ग्रिप और स्टेमिना बढ़ाता है
  • एंटी-रोटेशन केबल होल्ड्स – जेवलिन रिलीज के समय बॉडी को स्टेबल रखता है

4. इंजरी प्रिवेंशन: Neeraj कैसे बचते हैं चोट से?

Neeraj को 2019 में शोल्डर इंजरी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अपनी वर्कआउट रूटीन में ये बदलाव किए:

  1. वार्म-अप (20 मिनट) – डायनामिक स्ट्रेचिंग और लाइट थ्रो ड्रिल्स
  2. रोटेटर कफ एक्सरसाइज (हर सेशन के बाद)
  3. आइस थेरेपी (प्रति सप्ताह 2 बार) – सूजन कम करने के लिए

उनके कोच Jan Zelezny का कहना है कि “जेवलिन थ्रोअर्स को हफ्ते में कम से कम 2 बार शोल्डर रिहैब एक्सरसाइज करनी चाहिए।”

5. Neeraj का फेवरिट शोल्डर एक्सरसाइज: मेडिसिन बॉल स्लैम

इस एक्सरसाइज में Neeraj 10kg मेडिसिन बॉल को जमीन पर जोर से मारते हैं। यह:
शोल्डर मसल्स को एक्टिवेट करता है
जेवलिन रिलीज की स्पीड बढ़ाता है
कोर और ग्रिप स्ट्रेंथ इम्प्रूव करता है

“यह एक्सरसाइज मुझे जेवलिन थ्रो के लिए मेन्टली और फिजिकली तैयार करती है,” – Neeraj Chopra

Conclusion: क्या आप भी बना सकते हैं Neeraj जैसे स्ट्रॉन्ग शोल्डर्स?

Neeraj Chopra की शोल्डर स्ट्रेंथ रूटीन साइंस और कंसिस्टेंसी पर आधारित है। अगर आप भी अपने कंधों को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो:

  1. हेवी लिफ्टिंग (ऑफ-सीजन) से शुरुआत करें
  2. एक्सप्लोसिव मूवमेंट्स (प्री-कॉम्पिटिशन) पर फोकस करें
  3. इंजरी प्रिवेंशन को नजरअंदाज न करें

Final Thought:
Neeraj का कहना है कि “ताकत बनाने में समय लगता है, लेकिन अगर आप कंसिस्टेंट रहें, तो रिजल्ट जरूर मिलेगा।”

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