नाम: नरेंद्र विक्रमादित्य यादव (झूठा नाम: डॉ. एन. जॉन केम)
जन्म: अज्ञात
पेशा: नकली डॉक्टर (कार्डियोलॉजिस्ट का झूठा दावा)
आरोप: धोखाधड़ी, आपराधिक हत्या, नकली डिग्रियाँ
कैसे एक झूठे डॉक्टर ने बदल दी एक नेता की ज़िंदगी?
2006 में, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर राजेंद्र प्रसाद शुक्ला का निधन हृदय रोग के इलाज के दौरान हुआ। उन्हें बिलासपुर के Apollo Hospital में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी हुई, जिसे नरेंद्र यादव नाम के एक नकली कार्डियोलॉजिस्ट ने किया।
18 दिन बाद, शुक्ला जी की मृत्यु हो गई। पुलिस ने पाया कि यादव के पास कोई वैध मेडिकल डिग्री नहीं थी और वह डॉ. एन. जॉन केम के नाम से फर्जी पहचान बनाकर काम कर रहा था।
यादव का झूठा करियर
- यादव ने कई नकली डिग्रियाँ बनाईं और खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताया।
- उसने अपोलो अस्पताल, बिलासपुर में नौकरी पाने के लिए झूठे प्रमाणपत्र दिए।
- अस्पताल प्रबंधन ने भी उसकी योग्यता की जाँच नहीं की, जिससे एक बड़ा घोटाला हुआ।
मामला कैसे खुला?
2025 में, यादव को मध्य प्रदेश के दमोह में एक अस्पताल में धोखाधड़ी करते पकड़ा गया। मीडिया में खबर आने के बाद, शुक्ला जी के बेटे प्रदीप शुक्ला ने पुलिस में शिकायत की। जाँच में पता चला कि यादव ने जानबूझकर गलत इलाज किया, जिससे शुक्ला जी की मौत हुई।
क्या है आरोप?
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (आपराधिक हत्या)
- धोखाधड़ी और नकली दस्तावेज़ों का उपयोग
- Apollo Hospital प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
अब क्या होगा?
यादव पहले से ही मध्य प्रदेश की जेल में बंद है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उसके खिलाफ नया केस दर्ज किया है। साथ ही, अपोलो अस्पताल के प्रबंधन पर भी कार्रवाई हो सकती है।
सबक: यह मामला मेडिकल फ्रॉड की भयावहता को उजागर करता है। अस्पतालों को डॉक्टरों की योग्यता की सख्त जाँच करनी चाहिए, नहीं तो ऐसे हादसे होते रहेंगे!
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