Zakir Khan Shayari – Best Collection Ever जाकिर खान की जीवनी , कोट्स और कविताएं का बेहतरीन कलेक्शन

ज़ाकिर खान की बायोग्राफी , कोट्स और कविताएं [ zakir khan shayari, Zakir khan quotes in Hindi, Qayamat ki Raat , main shunya pe sawar hu ]

Zakir Khan Shayari – जाकिर खान एक बहुत ही फेमस स्टैंड अप कॉमेडियन, शायर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। हालाँकि वो कभी कहते नहीं हैं कि वो मोटिवेशनल स्पीकर हैं पर उनके जीवन का संघर्ष और उनकी अभी की सफलता लोगों को बहुत ज्यादा मोटीवेट करती है। आजकल के स्टैंडअप कॉमेडियन अपने वीडियो में गालियों का बहुत प्रयोग करते हैं पर जाकिर खान उन स्टैंडअप कॉमेडियन में से एक हैं जो बिना किसी अपशब्द के कॉमेडी वीडियो बनाते हैं जिनको आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं। ज़ाकिर खान के आठ मिलियन यूट्यूब सब्सक्राइबर और छह मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स हैं।

ज़ाकिर खान एआईबी के साथ एक समाचार कॉमेडी शो, ऑन एयर में भी काम कर रहे रहे हैं। उन्होंने अमेज़ॅन प्राइम वीडियो पर चार घंटे वाले स्टैंडअप स्पेशल: हक से सिंगल (2017), कक्ष ग्यारवी (2018), तथास्तु (2022) और मनपसंद (2023) जारी किए हैं।

जाकिर खान की News

ज़ाकिर खान, एक भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन, जिनके लाखों प्रशंसक हैं लंदन के रॉयल अल्बर्ट में परफॉर्म करने वाले पहले भारतीय हैं । एक दशक से भी अधिक समय के बाद, अक्टूबर 2023 में, उसी व्यक्ति ने लंदन के बिक चुके रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रदर्शन किया, और प्रतिष्ठित मंच पर एकल शो करने वाले पहले एशियाई हास्य अभिनेता बन गए। 2011 में, लोगों ने उन्हें मंच से उतार दिया, जबकि 2023 में, उन्हें तीन घंटे के प्रदर्शन के बाद 20 मिनट तक खड़े होकर तालियां मिलीं।

जाकिर खान का परिचय | Introduction of Zakir Khan

जाकिर खान एक बहुत ही फेमस स्टैंड अप कॉमेडियन, शायर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं और ज़ाकिर खान का लोकप्रिय वीडियो When I meet Delhi girl और Bhai Tamara Superman और अन्य वीडियो उनकी हास्य और शायरी प्रतिभा दिखा रहे हैं।

जाकिर खान अभी कपिल शर्मा के शो में आये और उन्होंने बस एकदम सरल शब्दों में कहा कि “माँ बाप आपके टैलेंट के खिलाफ नहीं होते बस वो आपको गरीब नहीं देखना चाहते”। आप अपने माँ बाप को गलत न समझे इसे कितने आसानी से समझाया जाकिर खान ने।

गाली या किसी भी गलत शब्द का उपयोग किए बिना उनकी संवाद डिलीवरी और कहानी कहने की शैली उन्हें सभी पीढ़ी को पसंदीदा बनाती है। जाकिर खान का जन्म और पालन-पोषण इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। खान ने सितार में डिप्लोमा किया है और कॉलेज ड्रॉपआउट हैं।

उनके पिता इस्माइल खान पहले तबला वादक थे और माता कुलसुम खान एक गृहिणी थीं। उन्होंने नौकरी की तलाश में दिल्ली में बहुत सारी रातें बिताई थीं। लेकिन किस्मत का फैसला उसके लिए कुछ अलग है।

वह न केवल कवि, कलाकार कलाकार, स्टैंड अप कॉमेडियन हैं, बल्कि वे स्वाभिमान, प्रेम, दोस्ती और कई मूल्यों पर बात करते हैं जिनकी समाज में सभी को जरूरत है।

Haq Se Single , Chacha Vidhayak Hain Humare , Kaksha Gyarvi ने ज़ाकिर खान की प्रसिद्धि अलग स्तर तक पहुंचा दी। जहां लोग बहुत ही कम समय में उनकी लेखनी और अभिनय का लोहा मानने लगे।

यहाँ चाचा विधायक हैं हमरे लोकप्रिय वेब श्रृंखला है जो जाकिर खान द्वारा लिखित और बनाई गई थी और यह कॉमेडी से भरपूर थी और सभी को पसंद आई।

जाकिर खान उर्फ रॉनी भैया आपको गुदगुदाने के लिए ‘चाचा विधायक हैं हमारे’ का दूसरा सीजन लेकर लौट आए हैं। ये सीजन शुक्रवार से अमेजन प्राइम वीडियो पर शुरू हो रहा है। शो को लेकर जाकिर खान के प्रशंसकों में खासी उत्सुकता रही है और गुरुवार को शो का ट्रेलर रिलीज होने से इस सीजन को लेकर जाकिर खान के प्रशंसकों का उत्साह और बढ़ गया है।

यहां मैं उनका पहला सबसे लोकप्रिय और मजेदार वीडियो एम्बेड कर रहा हूं Zakir Khan – What happens when you fail in an exam! AIB Diwas. भगवान् न करे कि कोई भी किसी भी इम्तेहान में फ़ैल हो पर अगर फ़ैल हो भी जाए तो ज़खीर खान की इस वीडियो को जरूर देखें कम से कम कुछ समय के लिए ही सही आप फ़ैल होने का गम भूलकर खिलखिलाने को मजबूर हो जायेंगे।

आज कल के ज़माने में जबकि कॉमेडी के नाम पर यूट्यूब पर गाली गलौज के वीडियो की भरमार है ऐसे समय में जाकिर खान के साफ़ सुथरी कॉमेडी के वीडियो एक ताजा हवा की तरह हैं जो देखने वाले और कहने वाले दोनों को खुश कर देती है। आजकल जाकिर खान यूट्यूब और प्राइम पर फ़र्ज़ी शायरी नाम का शो लेकर आये हैं जिसमें शायरी भी मजेदार अंदाज में सुनाई जाती है जो लोगों को बहुत पसंद आ रही है।

जाकिर खान की निजी जानकारी | Zakir Khan’s Personal Information

ज़ाकिर खान का जन्म और पालन-पोषण इंदौर, मध्य प्रदेश में शास्त्रीय संगीतकारों के एक राजस्थानी मुस्लिम परिवार में हुआ था। वह सारंगी वादक उस्ताद मोइनुद्दीन खान के पोते हैं। उनके पिता, इस्माइल खान सेंट राफेल स्कूल, इंदौर में एक संगीत शिक्षक हैं। उनकी मां कुलसुम खान गृहिणी हैं। उनके दो भाई हैं, जीशान खान (मलंग-द बैंड के प्रमुख गायक) और अरबाज खान (छात्र)। जाकिर खान की अभी अविवाहित है।

जाकिर खान नेट वर्थ | Zakir Khan Net Worth

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जाकिर खान की मासिक आय 15 से 20 लाख रुपये से अधिक है। और जाकिर खान प्रति शो लगभग 4 से 5 लाख चार्ज करते हैं। जाकिर खान सालाना लगभग 26 करोड़ कमा रहे हैं।

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zakir khan shayari

Mein chah kar bhi, tum jaisa nahi ban paya.
Dekho na…Tum toh aage badh gaye, par mein kahaan badh paaya.

मैं वक़्त और तुम क़यामत. देखना,
जब हम मिलेंगे तो इस कायनात में सब कुछ रुक जायेगा

वो कौन है भाई
इस बात का सबसे बड़ा हिस्सा
इस बात का होता है कि
वो कहाँ से आया है

तुम भी कमाल करते हो,
उम्मीदें इंसान से लगा कर
शिकवे भगवान से करते हो

जितना तेज़ाब मिला दुनिया से, उसी की शराब बेचता हूँ,
ज़िल्लतें छतों पर टांग, अस्मा को खाब बेचता हूँ.

बहुत मासूम लड़की है इश्क़ की बात नहीं समझती न जाने
किस दिन में खोयी रहती, मेरी रात नहीं समझती

Zakir Khan – What happens when you fail in an exam! AIB Diwas

हर एक दस्तूर से बेवफाई, मैं शिद्दत से है निभाई.
रास्ते भी खुद है ढूँढे, और मंज़िल भी खुद बनायीं

मैं वक़्त और तुम क़यामत. देखना,
जब हम मिलेंगे तोह इस कायनात में सब कुछ रुक जायेगा

अब वह आग नहीं रही, न शोलों जैसा देहेकता हूँ.
रंग भी सब के जैसा है, सबसे ही तो महेकता हूँ.

एक अर्से से हूँ थामे, कश्ती को भंवर में.
तूफ़ान से भी ज्यादा, साहिल से सिहरता हूँ

मुस्कान की चमकार कहीं और….

ये तो परिंदों की मासूमियत है,
वरना दूसरों के घर अब आता जाता कौन हैं!

Zakir khan quotes on self-respect

जाकिर खान सेल्फ रिस्पेक्ट को आपके प्यार से ज्यादा प्राथमिकता देने को कहते हैं। क्योंकि उनका कहना है किसी से भी मोहब्बत करने से पहले खुद से मोहब्बत करो। क्योंकि आप जिससे मोहब्बत करते हैं उसकी रेस्पेक्ट करने लगते हैं इसलिए जब आप खुद से मोहब्बत करते हैं तो खुद की रेस्पेक्ट करने लगते हैं फिर कोई भी हो जो आपकी रेस्पेक्ट नहीं करता आप उसके साथ नहीं हो सकते।

मोहब्बत करो बहोत,
लेकिन खुद के इज्जत के साथ करो

जाकिर खान की शायरी में सेल्फ रेस्पेक्ट के साथ साथ एक ऐटिटूड भी है जिसे इफ नो काजल लुक इस स्टेटमेंट, तो चप्पल भी स्टेटमेन्ट है, ” जा नहीं होऊंगा तैयार तेरे लिए” इस वन-लाइनर के अंत में “जा नहीं होऊंगा तैयार तेरे लिए” से उनका ऐटिटूड भी साफ़ झलकता है।

इफ नो काजल लुक इस स्टेटमेंट, तो चप्पल भी स्टेटमेन्ट है
” जा नहीं होऊंगा तैयार तेरे लिए”

इतनी जटिल से बात कि उसे अपना प्यार मुझे याद दिलाना पड़ता है इस जाकिर खान कितनी आसानी से बताते हैं और ये भी बताते हैं कि ये रिश्ता मेरे जहन में इतना ज्यादा अंदर तक है कि मैं चाहूं या न चाहूं मुझे याद रहता है पर उसे हर बार याद दिलाना पड़ता है बिलकुल 19 के पहाड़े की तरह।

वो रिश्ता मेरे लिए 2 के पहाड़े जैसा,
पर उसे लिए 19 का टेबल हो गया है,
मुझसे भूला नहीं जाता,
उसे याद दिलाना पड़ता है.

अगर अपने कोशिश ही नहीं की तो क्या फेलियर और क्या सक्सेस

जब कभी याद आया करे तुमको तो मेरी लिखी कविताएं पढ़ लेना,
बस एक वही तो जगह है, जहाँ झूठ नहीं बोले है मैंने कभी.

बस का इंतजार करते हुए,
मेट्रो में खड़े खड़े,
चलते रिक्शा में बैठे हुए,
गहरे दूर में क्या देखते रहते हो?
गम चेहरा लिए ये क्या सोचते रहते हो?
क्या खोया क्या पाया का,
हसब नहीं लगा पाए न इस बार भी।
घर नहीं जा पाए न इस बार भी।

तुमसे बड़ी नाराजगी है मुझे।
अब देखो ना,
तुम्हारे नर्म होठो की मिसाल नहीं मिली
और मेरे असर अधूरे रह जाते हैं।

Zakir Khan Shayari | Zakir Khan Poem | Zakir Khan Dialogues

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Zakir Khan Shayari

ZAKIR KHAN FAMOUS LINES

जाकिर खान को लोगों की नब्ज पकड़ना बखूबी आता है। लोग उनके दीवाने बन जाते हैं। उनकी लाइने, उनके शेर और कविताएं सब के सब लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं। वैसे तो उनकी बहुत सारी लाइने हैं जो लोगों की जबान पर चढ़ चुकी है पर फिर भी यहाँ हम आपके लिए उनमें से खोज कर जाकिर खान की फेमस और सुपरहिट लाइन आपके लिए लेकर आये हैं।

मेरी अपनी और उसकी आरज़ू में फर्क ये था
मुझे बस वो और उसे सारा जमाना चाहिए था!

दिलों की बात करता है ज़माना,
पर आज भी मोहब्बत चेहरे से ही शुरू होती हैं!

इश्क़ किया था हक से किया था
सिंगल भी रहेंगे तो हक से !

कोई हक़ से हाँथ पकड़ कर दोबारा नहीं बैठाता ,
सितारों के बीच से सूरज बनने के कुछ अपने ही नुक्सान हुआ करते हैं

लूट रहे थे खजाने माँ बाप की छाँव में,
हम कुड़ियों की खातिर,
घर छोड़ कर आ गए

अगर तू मेरे पीछे रहेगा,
तो मैं जिंदगी में, दुनिया में
कहीं नहीं गिर सकता,
ये तो फिर भी रोड है

वो तितली की तरह आई और जिंदगी बाग़ कर गयी ,
वो तितली की तरह आई और जिंदगी बाग़ कर गयी ,
मेरे जितने भी इरादे नापाक उन्हें  पाक कर गयी

Zakir khan umeed quotes

संघर्ष के दिनों में जाकिर खान ने काफी धक्के खाये हैं और काफी मेहनत भी की है और आज जिस मुकाम पर वो हैं वो सिर्फ उनकी उम्मीद और कठिन परिश्रम का ही फल है। हर समय अच्छे फल की उम्मीद रखने की बात “मेरी ज़मीन तुमसे गहरी है, याद रखना मेरा आसमान भी तुमसे ऊँचा होगा” से ही साबित हो जाती है।

ज़िन्दगी से कुछ ज्यादा नहीं बस इतनी सी फरमाइश है ,
अब तस्वीर से नहीं तफसील से मिलने की ख्वाहिश है 

कुछ के जाने का गम है ,
कुछ के होने की तसल्ली है ,
बस इतनी से कहानी है हमारी

दोस्ती आईनो से  कभी लम्बी नहीं चलती ,
इतनी ईमानदारी भी रिश्तों के लिए अच्छी नहीं होती

Zakir khan one-liners

जाकिर खान के वन लाइनर उनकी हाजिर जवाबी और विनोदप्रियता का प्रतीक है और उनकी जवां दिलों में लोकप्रियता देख कर आसानी से कहा जाता है कि युवा लोगों की नब्ज पकड़ना उन्हें खूब आता है। जैसे “जिसे प्यार होता है, उसे होता है कोई लॉजिक तो होता नहीं है ” और “इश्क़ किया था हक से किया था, सिंगल भी रहेंगे तो हक से !” लाइने सोशल मीडिया में और लोगों के बीच बहुत पॉपुलर हैं।

Ego unme hai, Toh hum Halke hai kya…

We are a generation of broken heart and broken peoples.

If No Kajal Look is Statement, toh Chappal bhi Statement hai…
“Ja… Nahi hounga Taiyar tere liye…”

ईगो तुम्हे है तो हम हल्के हैं क्या

Jo Bhi Propose Karne Jaye Toh,
At Least Self Respect Ke Sath Wapas Aye

जिसे प्यार होता है, उसे होता है
कोई लॉजिक तो होता नहीं है

अपने आप से भी पीछे खड़ा हूँ मैं
जिंदगी कितना धीरे चला हूँ मैं

माना कि तुमको इश्क का तजुर्बा भी कम नहीं
हमने भी बाग़ में हैं , कई तितलियाँ उड़ाईं

ZAKIR KHAN SHAYARI ON LOVE

जाकिर खान स्टैंड अप कॉमेडी में तो अच्छे हैं ही साथ ही साथ अच्छे कवि भी हैं। उनके शेर और कविताएं बहुत ही अच्छे दर्जे की होती हैं जैसे
“इश्क को मासूम रहने दो नोटबुक के आखिरी पन्नो पर , आप उसे किताबों में डाल कर मुश्किल ना कीजिए” कितने आसानी से उन्होंने मासूम इश्क की वकालत की है।

वो अगर हज़ार बार जुल्फें ना संवारे
तो उसका गुजारा नहीं होता
वैसे दिल बहुत साफ है उसका
इन हरकतों का कोई इशारा नहीं होता

बहुत मासूम लड़की है इश्क की बात नहीं समझती
ना जाने किस दिन में खोयी रहती है मेरी रात नहीं समझती

देर लगेगी मगर सही होगा,
तुम्हे जो चाहिए वही होगा,
दिन बुरे हैं जिंदगी नहीं ,
सब्र रखो सब सही होगा

मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत,
तेरा ज़िक्र ही कहां था ; मेरी दास्तान से पहले!

हम दोनों में बस इतना  सा फर्क है
उसके सब लेकिन मेरे नाम से शुरू होते हैं ,
और मेरे सारे काश उस आकर रुकते हैं 

इश्क को मासूम रहने दो नोटबुक के आखिरी पन्नो पर ,
आप उसे किताबों में डाल कर मुश्किल ना कीजिए 

एकतरफा प्यार की खूबसूरती ये है
कि आप हर दिन जीतते हो और हर दिन हारते हो

दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया

हर एक कॉपी के पीछे कुछ ख़ास लिखा है ,
बस इस तरह मेरे इश्क का इतिहास लिखा है
तू दुनिया में चाहे जहाँ भी रहे ,
अपनी डायरी में मैंने तुझे पास लिखा है

इम्तेहान ए इश्क का मैंने खूब रिवीज़न कर लिया ,
उसकी याद भी समझ ली ,उसे भूल के भी देख लिया 

ये सब कुछ जो भूल गयी थी तुम या शायद जानकर छोड़ा था तुमने ,
अपनी जान से भी ज्यादा संभाल कर है मैंने सब ,जब आओगी तो ले जाना 

ZAKIR KHAN SHAYARI ON BEWAFAI

जाकिर खान की शायरी जितनी Self respect और Love लिए फेमस है उतनी ही उनकी बेवफाई शायरी भी लोगों को पसंद है। उनकी बेवफाई शायरी एकदम टूटे हुए दिल की आवाज लगती है जिसमें वो पूरी ईमानदारी से अपने अपने आशिक दिल का हाल बयां करते हैं। इसलिए लोग उनकी इस तरह की बैवफाई की शायरी के भी दीवाने हैं।

ये कुछ सवाल हैं जो सिर्फ क़यामत के रोज पूछूंगा ,
क्योंकि उससे पहले तुम्हारी और मेरी बात हो सके इस लायक नहीं हो तुम 


तेरी बेवफाई की अंगारों में लिपटी रही है रूह मेरी
मैं इस कदर आग न होता जो हो जाती तू मेरी

बेवज़ह बेवफाओं को याद किया है ,
गलत लोगों पर बहुत वक्त बर्बाद किया है

तुझे खोने का खौफ जबसे निकला है बाहर,
तुझे पाने की जिद भी टिक न सकी दिल में…

ZAKIR KHAN SHAYARI ON SUCCESS

कामयाबी तेरे लिए हमने खुद को कुछ यूं  तैयार कर लिया ,
मैंने हर जगबाट बाजार में रख कर इश्तेहार कर लिया

मेरी ज़मीन तुमसे गहरी है ,
याद रखना मेरा आसमान भी तुमसे ऊँचा होगा

ऐ अदम के मुसाफ़िरो होशियार
राह में ज़िंदगी खड़ी होगी

ZAKIR KHAN SHAYARI INSPIRATIONAL

हर एक दस्तूर से  बेवफाई मैंने शिद्दत से है निभाई ,
रास्ते भी खुद ढूंढे और मंज़िल भी खुद बनाई

अपने आप से भी पीछे खड़ा हूँ मैं
ज़िन्दगी कितना धीरे चला हूँ मैं


यूं तो भूले हैं हमने लोग कई , पहले भी बहुत से 
पर तुम जितना कोई उनमें से याद नहीं आया 

थोड़ा कर्ज़ा किया है
थोड़ा खुद कमाया है
अब तुम ही देख लो अब
एक तुम्हारी स्माइल के पीछे
इतने लोगों का साया है
किसी दिन दिल करे तो
सबके सामने बस हाथ पकड़ लेना
बाकी तो बस मोह माया है


Zakir-Khan-Dialogues
Zakir Khan Dialogues

Zakir Khan Ki Qayamat ki Raat Kavita

मेरे कुछ
सवाल हैं जो
सिर्फ क़यामत के रोज़
पूछूंगा तुमसे
क्योंकि
उसके पहले तुम्हारी और मेरी
बात हो सके
इस लायक नहीं हो तुम।

मैं जानना चाहता हूँ,
क्या रकीब के साथ भी
चलते हुए शाम को यूं हीे
बेखयाली में
उसके साथ भी हाथ
टकरा जाता है तुम्हारा,
क्या अपनी छोटी ऊँगली से
उसका भी हाथ
थाम लिया करती हो
क्या वैसे ही
जैसे मेरा थामा करती थीं
क्या बता दीं बचपन की
सारी कहानियां तुमने उसको
जैसे मुझको
रात रात भर बैठ कर
सुनाई थी तुमने
क्या तुमने बताया उसको
कि पांच के आगे की
हिंदी की गिनती
आती नहीं तुमको
वो सारी तस्वीरें जो
तुम्हारे पापा के साथ,
तुम्हारे भाई के साथ की थी,
जिनमे तुम
बड़ी प्यारी लगीं,
क्या उसे भी दिखा दी तुमने

ये कुछ सवाल हैं
जो सिर्फ क़यामत के रोज़
पूँछूगा तुमसे
क्योंकि उसके पहले
तुम्हारी और मेरी बात हो सके
इस लायक नहीं हो तुम

मैं पूंछना चाहता हूँ कि
क्या वो भी जब
घर छोड़ने आता है तुमको
तो सीढ़ियों पर
आँखें मीच कर
क्या मेरी ही तरह
उसके भी सामने माथा
आगे कर देती हो तुम वैसे ही,
जैसे मेरे सामने किया करतीं थीं
सर्द रातों में, बंद कमरों में
क्या वो भी मेरी तरह
तुम्हारी नंगी पीठ पर
अपनी उँगलियों से
हर्फ़ दर हर्फ़
खुद का नाम गोदता है,और क्या तुम भी
अक्षर बा अक्षर
पहचानने की कोशिश
करती हो
जैसे मेरे साथ किया करती थीं

मेरे कुछ सवाल हैं
जो सिर्फ क़यामत के रोज़
पूछूगा तुमसे
क्योंकि उसके पहले
तुम्हारी और मेरी बात हो सके
इस लायक नहीं हो तुम।

ज़ाकिर खान की कविता मैं शून्य पे सवार हूँ main shunya pe sawar hu

मैं शून्य पे सवार हूँ

बेअदब सा मैं खुमार हूँ

अब मुश्किलों से क्या डरूं

मैं खुद कहर हज़ार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

उंच-नीच से परे

मजाल आँख में भरे

मैं लड़ रहा हूँ रात से

मशाल हाथ में लिए

न सूर्य मेरे साथ है

तो क्या नयी ये बात है

वो शाम होता ढल गया

वो रात से था डर गया

मैं जुगनुओं का यार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

भावनाएं मर चुकीं

संवेदनाएं खत्म हैं

अब दर्द से क्या डरूं

ज़िन्दगी ही ज़ख्म है

मैं बीच रह की मात हूँ

बेजान-स्याह रात हूँ

मैं काली का श्रृंगार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

हूँ राम का सा तेज मैं

लंकापति सा ज्ञान हूँ

किस की करूं आराधना

सब से जो मैं महान हूँ

ब्रह्माण्ड का मैं सार हूँ

मैं जल-प्रवाह निहार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

मैं शून्य पे सवार हूँ

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