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स्वतंत्रता दिवस, स्पीच, निबंध, कोट्स और इमेजेज [ Swatantrata Diwas In Hindi ] – स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, स्वतंत्रता दिवस पर लेख और स्वतंत्रता दिवस के कोट्स जिसे आप अपने दोस्तों के लिए व्हाट्सएप्प, इंस्टाग्राम पर शेयर कर सकें।
15 अगस्त 1947 को हमारे देश को अंग्रेजो के 200 साल के राज से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी जिसकी खुशी में हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं अंग्रेजों ने हम पर करीब 200 से ज्यादा वर्षों तक राज किया और फिर हमारे देश में स्वतंत्रता के लिए बहुत सारे आंदोलन हुए बहुत सारे क्रांतिकारियों सत्याग्रहियों ने जाने दीं और उसके बाद ही हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी प्राप्त हुई ।
14 अगस्त 1947 की रात को हमारा देश आजाद हुआ था हालांकि हमारी इस आजादी के लिए बहुत हमने बहुत साल तक संघर्ष किया था अगर हम सीधे सीधे बात करें तो इसके लिए संघर्ष अट्ठारह सौ सत्तावन से ही प्रारंभ हो गया था और 1947 तक जितने भी संघर्ष आजादी के लिए हुए सभी ने कुछ न कुछ योगदान इस आजादी में दिया ही था और क्रांतिकारियों और सत्य धर्म की बात करें तो उसमें बहुत सारे हैं जैसे सुभाष चंद्र बोस महात्मा गांधी लाला लाजपत राय सरदार वल्लभभाई पटेल बाल गंगाधर तिलक तथा भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद और अन्य भी अन्य बहुत से क्रांतिकारी और सत्याग्रह ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी इसीलिए यह 15 अगस्त हमारे लिए खुशी का पर्व भी है और गर्व का भी है कि हम हमारे देशवासियों ने मिलकर अपने प्राणों से की बाजी लगाकर हमारे देश को अंग्रेजों से आजाद कराया। इन वीरों के ही प्रयासों का फल है कि अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा और हमें सत्ता सौंपकर जाना पड़ा
आखिर स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही क्यों मनाते हैं ?
1929 में, जब जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ‘पूर्ण स्वराज’ या ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से पूर्ण स्वतंत्रता का आह्वान किया, 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना गया। वास्तव में, कांग्रेस पार्टी ने इसे 1930 में वार्डों में मनाना जारी रखा, जब तक कि भारत को स्वतंत्रता नहीं मिली लेकिन जब सत्ता के हस्तांतरण की बात आई तब 15 अगस्त 1947 को सत्ता का हस्तांतरण हुआ जिससे उस दिन ही हमारा स्वतंत्रा दिवस निश्चित किया गया और 26 जनवरी 1950 को हमारा गणतंत्र दिवस घोषित किया गया – जिस दिन भारत औपचारिक रूप से एक संप्रभु देश बन गया और अब ब्रिटिश डोमिनियन नहीं रहा।
स्वतंत्रता दिवस का अर्थ
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है क्योंकि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। अंग्रेजों से आजादी लेने के संघर्ष में हमारे बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणो की आहुति भी दी। तो स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के स्वतंत्र होने की ख़ुशी और उन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान पर आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन | Swatantrata Diwas in hindi 10 lines
स्वतंत्रता दिवस हमारे भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है इस दिन हमें आजादी प्राप्त हुई थी | स्वतंत्रता स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह हमें बताता है कि हम अपने देश में सभी कुछ करने के लिए स्वतंत्र हैं जो कि कानूनी रूप से सही है। हम अपने देश में स्वतंत्र हैं। इसका यह अर्थ है कि हम अपने देश में कोई भी व्यवसाय, कोई भी कैरियर या कोई भी नौकरी चुनने के लिए पूरी तरह से अपनी इच्छा पर निर्भर इसके लिए हम पर कोई भी दबाव नहीं डाल सकता या हमें हमें अपने घर में क्या पहनना है क्या करना है या अपने खेतों में क्या फसल उगाने इसके लिए हम पर कोई भी दबाव नहीं डाल सकता हम अपनी मर्जी से अपना जीवन खुद खुद के लिए चुन सकते हैं
Swatantrata Diwas in Hindi Speech
15 अगस्त 1947 की आजादी हमें अपने बहुत अथक प्रयासों और बलिदानों के बाद अंग्रेजों से मिली है जिसमें हमने अपने बहुत से क्रांतिकारियों और सत्याग्राहियों को खो दिया इसलिए यह आजादी या स्वतंत्रता हमारे लिए अमूल्य है।
परतंत्रता यह गुलामी क्या होती है यह आज हमारे लिए कल्पना करना भी मुश्किल है परंतु जरा सोचिए जब आप अपने फसल अपने खेत में अपने मन से कोई फसल नहीं बो सकते या फिर आपको जबरदस्ती किसी देश के विरुद्ध लड़ाई के लिए सेना में भर्ती कर लिया जाए और आप को जबरदस्ती उस युद्ध में शामिल होने के लिए भेज दिया जाए या फिर जब आप किसी काम को करने के लिए मना करें तो जलियांवाला बाग जैसे कांड कर दिया जाए।
क्योंकि यही होता था जब अंग्रेजों की गुलामी भारत में अंग्रेजों की गुलामी चलती थी हम माने या ना माने पर जो भी उनका हुक्म होता था वह हमें मानना ही पड़ता था उसी के हिसाब से चलना पड़ता था इसलिए आज हमें अपने उन स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों का ऋणी होना चाहिए जो जिनके प्रयासों के फल से ही आज हम अपनी आजादी को भोग रहे हैं इसलिए यह आजादी खुशी मनाने का ही दिन नहीं है बल्कि उनके अथक प्रयासों को याद करने का भी और उनके आजादी में योगदान को याद करके उनको कृतज्ञता से धन्यवाद करने का भी दिन है।
लेकिन स्वतंत्रता दिवस सिर्फ खुशी मनाने का दिन ही नहीं है बल्कि इस दिन से हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी होती है अपने देश के प्रति अपने समाज के प्रति और क्योंकि जब तक हमारी स्वतंत्रता नहीं होती हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होती अब हम स्वतंत्र हैं इसलिए हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम अपने देश को और अपने समाज को उन्नति के पथ पर लेते जाएं और आगे ही आगे बढ़ते जाएं इसलिए हमें ध्यान देना होगा कि हमारे देश का और हमारे समाज का हर एक नागरिक अपने कर्तव्य का अच्छी तरह से पालन करें।
स्वतंत्रता दिवस निबंध हिंदी | Swatantrata Diwas in Hindi Essay
प्रस्तावना
15 अगस्त 1947 हमारे भारतीय इतिहास का बहुत ही भाग्यशाली और गौरवशाली दिन है जिस दिन हमें अंग्रेजों के 200 साल के शासन से आजादी प्राप्त हुई इसके लिए हमारे देश के हमारे देश के क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने वर्षों वर्षों तक अथक प्रयास किये और अनगिनत बलिदान दिए। इतने संघर्षों और प्रयासों के बाद मिली यह आजादी हमारे लिए बहुत अमूल्य है।
स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाते हैं
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस हमारे देश का एक राष्ट्रीय पर्व है और इसे पूरा राष्ट्र मिलकर एक साथ मनाता है आप चाहे किसी भी ऑफिस में हो कार्यालय में हो स्कूल में हो या कोई भी व्यवसाय करते हैं सभी लोग इस स्वतंत्रता दिवस को अपने-अपने ढंग से मनाते हैं जैसे कार्यालय वगैरह में ध्वज फहरा कर या देशभक्ति के गीत लगाकर लोग इस पर्व को मनाते हैं स्कूलों में ध्वज पर आकर और तरह-तरह की प्रतियोगिता करा कर स्वतंत्रता दिवस को मनाते हैं इसी प्रकार अलग अलग जाति और संप्रदाय में लोग अलग-अलग ढंग से स्वतंत्र दिवस को मना कर इसकी खुशी मनाते हैं।
भारत का गौरवशाली इतिहास
प्राचीन काल में भारत एक सोने की चिड़िया था मतलब यह बहुत ही ज्यादा धन धान्य से भरा पूरा समाज था यहां पर तरह-तरह के उद्योग धंधे थे जैसे कि कपड़े, मसाले और जड़ी बूटियों के उद्योग बहुत अच्छे चलते थे और साथ ही यहां पर काशी जैसे बहुत ही बड़े और प्रसिद्द शिक्षा केंद्र थे। भारत की ख्याति शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में दूर दूर तक फैली थी।
अंग्रेजों का आगमन और भारत की गुलामी
परंतु मुगलों के आक्रमण के उपरांत भारत कई भागों में विखंडित हो गया और पहले मुगलों ने अलग-अलग छोटे-छोटे राजाओं को पराजित किया और भारत के गौरव और समृद्धि को नष्ट करना शुरू किया। इसके बाद 17वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आए उसने यहां पर लोगों को विखंडित देखा तो पहले तो शुरुआत में उन्होंने सिर्फ व्यापारी किया पर धीरे-धीरे उन्होंने अपना साम्राज्य स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया और छोटे राजाओं से युद्ध करते उन्हें परास्त किया या उन्हें लालच देकर अपने साथ मिला लिया इस तरह उन्होंने धीरे-धीरे करके अपना साम्राज्य को बड़ा करना शुरू कर दिया और यहां से भारत से धन संपत्ति अपने देश में ले जाना चाहिए ले जाना शुरू कर दिया।
भारत के लोगों को गुलाम बनाने के साथ ही उन्होंने अपने मतलब के काम यहां करवाना शुरू कर दिया जैसे नील की खेती करवाना या भारत के गरीब और कमजोर वर्ग के भारतीयों को सैनिक बनाकर किसी देश के विरुद्ध में युद्ध के लिए भेज देना या कोई भी कार्य जो उनकी मर्जी के बिना उनसे करवाना। भारतीयों को अपने देश में ही दूसरे दर्जे का नागरिक बना कर रखते हैं यह सब करते करते अंग्रेजों ने धीरे-धीरे भारतीयों को अपने ही देश में दूसरे दर्जे का नागरिक बना कर रख दिया रख दिया।
आजादी के लिए उद्घोष
आजादी के लिए भारत में पहला असंतोष या विद्रोह सन 1857 को मंगल पांडे द्वारा किये गए सैनिक विद्रोह के रूप में सामने आया। इसमें एक सैनिक छावनी में मंगल पांडे के नेतृत्व में बहुत सारे भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह शुरू कर दिया था ।
इसके बहुत सारे कारण थे जैसे एक ही रैंक के अंग्रेज और भारतीय सैनिकों को अलग-अलग वेतन देना और सामाजिक रुप से निकृष्ट दृष्टि से देखना और साथ ही उस समय यह अफवाह फैलाई गई थी कि जो यह कारतूस आ रहा है इसमें गाय और सुअर की चर्बी है जिसे राइफल में लोड करने के लिए कारतूस को मुँह से इस कारतूस को काटना होता था इससे भारतीय हिंदू और मुसलमान दोनों एक सिपाहियों के धर्म की हानि होती।
हालाँकि ये विद्रोह असफल हो गया पर भारतीयों को यह सीख भी दे गया कि अगर संगठित रूप से विद्रोह किया जाय तो अपराजेय समझे जाने वाले अंग्रेजों को भी परास्त किया जा सकता है।
आजादी के लिए पूरे देश का संघर्ष
सालों तक अंग्रेजों की गुलामी की मार झेलने के बाद अब भारत की जनता में भी स्वतंत्रता के लिए सुगबुगाहट तेज हो गई थी जिसके लिए बहुत सारे संगठन बनने लगे जिसमें से एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम तथा अन्य बहुत सारे संगठन है जिन्होंने जनता को एक करके उनके विद्रोह को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया इसके बाद शुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के आगमन और उनके इस स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने से इस विद्रोह को एक नई दिशा मिली अब अभी तक जो सामान्य जन इस युद्ध में शामिल नहीं था वह भी अब शामिल हो गया था।
पूरा देश बलिदान देने के लिए सामने आने लगा, विरोध करने के लिए सामने आने लगा और अंग्रेजों के विरुद्ध हर आंदोलन में चाहे वह छोटा हो या बड़ा खुलकर भाग लेने लगा जिससे अंग्रेजों को अब यह समझ में आ गया था की अब उनका भारत पर शासन कर के रख रखना बहुत ही मुश्किल होगा।
आजादी की प्राप्ति और बंटवारे का दंश
अंग्रेजों ने भारत को आजाद करने का मन बना लिया और भारत को भी अब आजादी मिलने ही वाली थी कि भारत के दो नेताओं जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना दोनों की महत्वाकांक्षाओं ने अजब ही रंग ले लिया अब दोनों ही देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे और देश में बहुत बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक दंगे होने लगे।
तो इसके लिए भारत के विभाजन का प्रस्ताव रखा गया और अंग्रेजो ने भारत के विभाजन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जिसका अर्थ था कि भारत को दो भागों में बांट दिया जाए और एक हिस्से का प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को और दूसरे हिस्से का प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना को नियुक्त कर दिया जाए। देश का बटवारा हुआ और क्रमशः 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया। इस तरह देश को आजादी तो मिली लेकिन साथ ही हमें बटवारा भी दे दिया गया।
निष्कर्ष
भारत का स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिए बहुत खुशी का राष्ट्रीय पर्व है इस अवसर पर हम अपने क्रांतिकारियों ,स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य व्यक्तियों के जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग किया उनका धन्यवाद करने का यह अवसर है साथ ही साथ स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद हमें यह भी ध्यान रखना है कि हम एक रहें हम एकजुट रहें जिससे जो जिस से जो गलती हमने पहले की वह गलती दोबारा ना दोहराएं है जिससे कोई और शक्ति हम पर आकर शासन करें और साथ ही अपनी और अपने राष्ट्र की जिम्मेदारी को भी समझें और निरंतर आगे ही आगे बढ़ते रहें।
swatantrata diwas quotes in hindi
आन देश की, शान देश की
देश की हम संतान हैं
तीन रंगों से रंगा तिरंगा
अपनी ये पहचान है
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक
यह दिन है अभिमान का, है माता के मान का
नहीं जाएगा रक्त व्यर्थ, वीरों के बलिदान का
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
ये बात हवाओं को बताये रखना,
रोशनी होगी चिरागो को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की,
ऐसे तिरांगे को सदा दिल में बसाये रखना
स्वतंत्रता दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं
हर भारतीय को अपने देश पर गर्व है और
हम किसी भी रूप में अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए हमेशा तैयार खड़े हैं।
स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं, जय हिंद!
न मेरे पास करोड़ों की दौलत है और न ही मेरी सरकार है,
लेकिन फिर भी मुझे गुरूर है। गुरूर है मुझे अपने भारतीय होने का।
भारत माता की जय, स्वतंत्रता दिवस मुबारक हो मेरे दोस्त!
जिद पर अड़ जाये तो रुख मोड़ दे तूफानों का
तुमने तेवर ही कहाँ देखा है तिरंगे के दीवानो का
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
ना पूछो ज़माने को, की क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम हिंदुस्तानी है
Wish you a Happy Independence Day
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